आइएमए की चेटवुड बिल्डिंग के सामने गुनगुनी धूप में कदमताल करते जेंटलमैन कैडेट का दर्शक दीर्घा में बैठा हर शख्स तालियों से स्वागत कर रहा था।
उसी दर्शक दीर्घा में व्हीलचेयर पर बैठे गुरुग्राम निवासी महावीर सिंह भी थे, जिनकी आंखें यह नजारा देख कर नम थीं। उनकी निगाह अफसर बनने जा रहे बेटे समर्थ सिंह पर टिकी थी।
महावीर के दाहिने पैर में पैरालिसिस हो गया था
समर्थ के पिता महावीर सिंह बेटे को सैन्य अधिकारी के रूप में देखना चाहते थे। उनका परिवार वर्तमान में गुरुग्राम (हरियाणा) के सेक्टर पांच में रहता है। समर्थ की पढ़ाई डीएवी पब्लिक स्कूल से हुई।
उनकी मां संगीता निजी स्कूल में शिक्षिका हैं। बीते अप्रैल में महावीर के दाहिने पैर में पैरालिसिस हो गया था। उन्हें चलने और बोलने में परेशानी होने लगी। अब भी वह व्हीलचेयर पर हैं।
महावीर सिंह की पत्नी संगीता ने बताया कि बेटे को अफसर बनते देखना परिवार के लिए गर्व की बात है। विशेष रूप से बेटे ने पिता का वह सपना भी पूरा किया, जिसे वह वर्षों से संजोए हुए थे। समर्थ ने कहा कि परिवार का साथ और कुछ कर करने का जज्बा मन में हो तो व्यक्ति हर उस चीज को हासिल कर सकता है, जिसके बारे में उसने सोचा है।
पैर छूकर लिया पिता का आशीर्वाद
समर्थ ने पीपिंग सेरेमनी से पहले दर्शक दीर्घा में व्हीलचेयर पर बैठे पिता महावीर सिंह और मां संगीता के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। समर्थ ने बताया कि उन्हें परिवार का पूरा समर्थन रहा। इसकी वजह से ही वह आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं।
सैन्य अफसर बने शिक्षक परिवार के प्रखर तोमर
शिक्षक परिवार से ताल्लुक रखने वाले दून के नींबूवाला निवासी प्रखर तोमर सेना में अफसर बने। शनिवार को पासिंग आउट परेड के बाद पीपिंग सेरेमनी में परिवार के सदस्यों ने प्रखर को गले से लगा लिया।
प्रखर के पिता शिव कुमार राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय कालसी में प्रधानाचार्य हैं, जबकि मां योगिता तोमर निजी स्कूल में शिक्षिका। केवि ओएनजीसी से प्रारंभिक शिक्षा लेने के बाद प्रखर का आरआइएमसी में चयन हुआ। इसके बाद उन्होंने एनडीए की परीक्षा पास की। पिता शिव कुमार ने कहा कि बेटे का सैन्य अफसर बनना उनके लिए गर्व की बात है।
खुशी के साथ लक्ष को भतीजे के जाने का दुख भी
हिमाचल प्रदेश के कसौली निवासी लक्ष शर्मा ने सैन्य अफसर बन परिवार का मान बढ़ाया है। लक्ष के पिता प्रदीप शर्मा आकाशवाणी कसौली में टेक्निकल विभाग में हैं, जबकि मां नितिका गृहिणी हैं। लक्ष की पढ़ाई आर्मी पब्लिक स्कूल दसई (हिमाचल प्रदेश) से हुई। इसके बाद उन्होंने एनडीए की परीक्षा पास की।
लक्ष के पिता प्रदीप शर्मा ने बताया कि उनका तीन भाइयों का संयुक्त परिवार है, जिसमें तकरीबन 11 सदस्य हैं। लक्ष के आइएमए में प्रशिक्षण लेने के दौरान उनके 13 साल के भतीजे की मौत हो गई।
इससे परिवार टूट गया, मगर लक्ष का हौसला नहीं टूटने दिया। शनिवार को पीपिंग सेरेमनी के दौरान परिवार में जहां खुशी का माहौल था तो भतीजे के इस दुनिया में नहीं होने के दुख से लक्ष के आंसू भी छलक उठे।
दर्शक दीर्घा में खुशी से झूम उठे चंदन सैनी के स्वजन
आइएमए से पास आउट हिमाचल प्रदेश के ऊना निवासी चंदन सैनी के कंधों पर पीपिंग सेरेमनी के दौरान सितारे सजे तो दर्शक दीर्घा में बैठा उनका पूरा परिवार खुशी से झूम उठा।
चंदन के पिता गुलशन सैनी, मां राकेश कुमारी, दादा उजागर सिंह, दादी जमुना देवी, बुआ कुसुम, भाई निखिल समेत 12 सदस्यीय परिवार इस यादगार पल का साक्षी बनने के लिए आइएमए परिसर में मौजूद था।
गुलशन सैनी ने बताया कि किसी अपने का सैन्य अधिकारी बनना हर किसी के लिए गर्व की बात होती है। चंदन ने प्रारंभिक पढ़ाई एसएसआरबीएम ऊना से करने के बाद हमीरपुर से बीटेक किया। सीडीएस परीक्षा पास कर वह आइएमए पहुंचे।