समूचा उत्तर भारत इन दिनों शीतलहर की चपेट में है। पारा लगातार गोते लगा रहा है और बर्फीली हवाएं मुश्किलें बढ़ा रही हैं। हरिद्वार नगर निगम की ओर से रैन-बसेरे संचालित किए जा रहे हैं तो कई सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलवाए जा रहे हैं। प्रशासन की ओर से जरूरतमंदों को कंबल बांटे जा रहे हैं। बुधवार को पूरे दिन ठंड और ठिठुरन से लोग बेहाल रहे। सुबह के वक्त घने कोहरे के चलते कामकाजी लोगों को कार्य स्थलों तक पहुंचने में असुविधा हुई और उन्हें वाहनों के हेडलाइट जलाकर गंतव्यों को जाना पड़ा।
हरिद्वार का न्यूनतम तापमान माइनस में
वहीं इस सर्दी की वजह से धर्मनगरी हरिद्वार भी इन दिनों शीतलहर की चपेट में है। यहां का पारा माइनस में पहुंच गया है। मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को अधिकतम 10.5 और न्यूनतम तापमान माइनस छह डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो अब तक का न्यूनतम तापमान है। बता दें मंगलवार के मुकाबले बुधवार को न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई। यहां तक कि न्यूनतम तापमान माइनस में पहुंच गया। बहादराबाद स्थित वेधशाला से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 15.8 और एक डिग्री सेल्सियस दर्ज किया था। वहीं बुधवार को यह क्रमश: माइनस छह और 10.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इधर, ठंड के चलते दिन ढलते ही बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। ग्राहकों की कम आमद के चलते दुकानों के शटर भी जल्द गिर रहे हैं।
नौनिहालों को हाइपोथर्मिया से बचाएं: डा. संदीप निगम
हाड़ कंपाने वाली ठंड के चलते अस्पतालों में खासी, जुकाम, बुखार आदि के मरीज बढ़े हैं। महिला अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. संदीप निगम की ओपीडी में आने वाले मरीजों में करीब 40 प्रतिशत खांसी, जुकाम, बुखार, निमोनिया, चेस्ट इंफेक्शन आदि के हैं। डा. निगम ने नौनिहालों, खासकर नवजात को ठंड से बचाने की सलाह दी है। बताया कि अत्यधिक ठंड में समुचित देखभाल न होने से नवजात हाइपोथर्मिया में चले जाते हैं। इससे जान को भी खतरा बना रहता है। उन्होंने बच्चों को गर्म कपड़े अच्छी तरह पहनाकर रखने की सलाह दी और बताया कि इन दिनों लोग कमरे को गर्म रखने के लिए अंगीठी का इस्तेमाल करते हैं। अंगीठी का इस्तेमाल सावधानी से करने की सलाह दी। बताया कि इससे निकलने वाला कार्बन मोनोक्साइड गैस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। जहां कमरे में अंगीठी जलाएं, वहां की खिड़कियां आदि खोलकर रखें। कमरा गर्म होने के बाद इसे कमरे से बाहर निकाल दें। ड्राई हीटर भी पूरी रात कमरे में नहीं चलाएं।
कई स्कूलों ने बच्चों तक नहीं पहुंचाई अवकाश की जानकारी
आपको बता दें कड़ाके की ठंड को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से 28 और 29 दिसंबर को विद्यालयों में अवकाश घोषित किया गया है। कई विद्यालयों ने अवकाश की सूचना अभिभावकों तक नहीं पहुंचाई। इसके चलते कड़ाके की ठंड में बच्चे शिक्षा के मंदिर तक पहुंचे, लेकिन वहां ताला लटका देख बैरंग लौट गए। ग्रामीण क्षेत्रों से इस तरह की शिकायतें ज्यादा आई। पथरी क्षेत्र के धनपुरा, फेरूपुर आदि से बड़ी तादात में बच्चे धनपुरा स्थित स्कूल पहुंचे। जहां ताला लटका देख वह घरों को लौट गए। अभिभावकों ने विद्यालय प्रबंध तंत्र के प्रति नाराजगी जताई।