बीते साल की खट्टी मीठी यादों और अच्छे बुरे अनुभवों से सीख लेते हुए उत्तराखंड नए वर्ष 2023 को नए सपनों की नई उड़ान भरने को बेताब है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मल्टी कनेक्टिविटी मॉडल के मंत्र पर उत्तराखंड नए साल से आगे बढ़ेगा। ऐसा राज्य की अवस्थापना विकास से जुड़ी योजनाओं की तैयारी देखकर लगता है। वर्ष 2023 में राज्य के सामाजिक, आर्थिक, अवस्थापना विकास की दिशा तय करने वाली प्रमुख महत्वाकांक्षी योजनाओं की पड़ताल करती पेश है अमर उजाला की यह रिपोर्ट :
1. 2023 : रजत जयंती वर्ष के लक्ष्य के लिए बेहद खास
नया साल रजत जयंती वर्ष में उत्तराखंड को देश का अग्रणीय राज्य बनाने की दिशा में बहुत खास है। इसी साल विकास की नई पटकथा लिखने वाली योजनाएं पूरी होगी या नई योजनाओं की शुरुआत होगी।
2. मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी का मंत्र
रोड: 889 किमी चारधाम आलवेदर रोड का निर्माण पूरा होगा । गढ़वाल – कुमाऊं के बीच राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण। मसूरी टनल का शिलान्यास होगा। घंटों का फासला मिनटों में पूरा करने को देहरादून-टिहरी के मध्य 35 किमी टनल की डीपीआर बनेगी और नींव रखी जाएगी ( दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे से ढाई घंटे में सफर का सपना पूरा होगा। पांवटा से दून तक फोर लेन चंडीगढ़ -शिमला की यात्रा का सुगम बनाएगा। देहरादून-भानियावाला फोरलेन का कायाकल्प होने की भी उम्मीद है।
रेल : सामरिक महत्व की श्रृषिकेश – कर्णप्रयाग रेल परियोजना तेजी से आगे बढ़ेगी। बदरीनाथ -केदारनाथ – गंगोत्री – यमुनोत्री तक रेल परियोजनाओं की प्रस्तावित योजनाओं पर कदम आगे बढ़ेंगे। बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन परियोजना पर भी काम शुरू होने की उम्मीद है।
रोपवे : गौरीकुंड- केदारनाथ और जोशीमठ-हेमकुंड रोपवे पर काम शुरू होगा। 21 नए रोपवे पर्वतमाला योजना के तहत प्रस्तावित, 2023 में शुरू हो सकता हैकाम। मसूरी रोपवे का काम पूरा होगा। ऋषिकेश में नीलकंठ और हरिद्वार में चंडीदेवी रोपवे का भी काम शुरू होगा।
हवाई कनेक्टिविटी : देहरादून एयरपोर्ट का विस्तार होगा। सहस्रधारा, मसूरी, केदारनाथ में हेलीपोर्ट बनेंगे। नई हेली सेवाएं शुरू होंगी। चारधाम हवाई यात्रा देहरादून से भी होगी। संचार: सीमांत व ग्रामीण इलाकों में 1200 से अधिक 4जी मोबाइल टावर लगेंगे । मोबाइल कनेक्टिविटी का विस्तार होगा ।5 जी कनेक्टिविटी मिलेगी।
3. विश्व मंच पर उत्तराखंड की पहचान का साल बनेगा
वर्ष 2023 में राज्य को विश्व मंच पर पहचान दिलाने के लिए तीन बड़े आयोजन होंगे ।जिनमें दुनिया के 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधि देवभूमि, गंगा, यमुना, हिमालय, को करीब से महसूस करेंगे। जी20 की अध्यक्षता भारत को मिलने के बाद देश में होने वाले आयोजनों में से दो की मेजबानी उत्तराखंड को मिली है। ये आयोजन ऋषिकेश में होंगे। तीसरा बड़ा आयोजन केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय व भारतीय रोड कांग्रेस के सहयोग से देहरादून में होगा । हिमालय क्षेत्र में टनल निर्माण की संभावना तलाशने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार होगा। इसमें 140 से अधिक देशों के विशेषज्ञों के आने की संभावना है।
4. लागू हो सकता समान कानून