जोशीमठ आपदा प्रभावित इस समय राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार प्रभावितों के रहने-खाने से लेकर शीत से बचाने हेतु पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। जहां आपदा प्रभावित परिवारों के सदस्यों के रहने की व्यवस्था होटलों के अलावा राहत शिविरों में की गई है तो ठंड से बचाने के लिए हीटर, ब्लोअर आदि के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देश हैं कि आपदा प्रभावितों को किसी भी तरह की समस्या न होने पाए। जानकारी के अनुसार 76 परिवारों को हीटर और ब्लोअर उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा जो लोग होटल में ठहरे हैं, उनके लिए होटल के हीटर-ब्लोअर उपलब्ध हैं। 110 लोगों को थर्मल वियर, 175 लोगों को हॉट वॉटर बोतल, 516 लोगों को टोपी, 280 लोगों को मोजे, 196 लोगों को शॉल आदि जरूरत का सामान वितरित किया गया है।
इसी तरह अब तक 771 लोगों को खाद्यान्न किट, 601 को कंबल, 114 लोगों को डेली यूज़ किट दी गयी है। 48 लोगों को जूते भी दिए गए हैं। इसके अलावा स्थानीय निवासियों के मवेशियों का भी पूरा ख्याल राज्य सरकार की ओर से रखा जा रहा है। वहीं, आमजन की नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच भी की जा रही है। अब तक कुल 766 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई है।
269 परिवारों के 900 सदस्यों को राहत शिविरों में रूकवाया
वहीं, जोशीमठ में आपदा प्रभावित 269 परिवारों के 900 सदस्यों को सुरक्षा के दृष्टिगत राहत शिविरों में रूकवाया गया है। राहत शिविरों में भोजन, पेयजल, चिकित्सा इत्यादि मूलभूत सुविधाएं प्रभावितों को उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रभावित परिवारों को उनकी सुविधा एवं स्वेच्छा के अनुसार सुरक्षित गेस्ट हाउस, होटल, स्कूल एवं धर्मशाला में ठहराया गया है।
आवास व्यवस्था के नोडल अधिकारी/जिला पर्यटन अधिकारी सोबत सिंह राणा ने बताया कि नगरपालिका जोशीमठ में 6 कमरों में 6 परिवार के 33 सदस्यों को रूकवाया गया है। नगरपालिका एक बड़े हॉल में 8 परिवारों के 24 सदस्य रह रहे है। गुरुद्वारा में 7 परिवारों के सात कमरों में 28 सदस्य रह रहे हैं।
इसी तरह, प्राथमिक विद्यालय जोशीमठ में 4 परिवारों 11 सदस्य, जोशीमठ सिचाई विभाग कॉलोनी में एक परिवार के चार सदस्य, टूरिस्ट हास्टिल औली रोड में दो परिवारों के 8 सदस्य, राजीव गांधी अभि वि जोशीमठ में एक परिवार के 6 सदस्य, प्रावि सिंगधार में 3 परिवारों के 18 सदस्य, होटल शैलजा में 3 परिवारों के 11 सदस्य, होटल श्रीमान पैलैस में 7 परिवारों के 16 सदस्य, विवेक लाज में दो परिवारों के 10 सदस्य, होटल सैफायर में 8 परिवारों के 42 सदस्य, होटल द्रोणागिरी में 10 परिवारों के 34 सदस्य, काली कमली धर्मशाला में 5 परिवारों के 23 सदस्य, मिलन केन्द्र सिंगधार में 1 परिवार के 4 सदस्य, होटल तथास्तु में 3 परिवारों के 13 सदस्य, होटल उदय पैलेस में 11 परिवारों के 40 सदस्य, होटल हिमशिखर मे 6 परिवारों के 21 सदस्यों को ठहराया गया है।जबकि होटल ईश्वरी नारायण में 21 परिवारों के 67 सदस्य, शिवालिक कैम्पिंग एंड कार्टज में 7 परिवारों के 22 सदस्य, औली इको नेचर रिजार्ट में 5 परिवारों के 22 सदस्य, होटल पथिक में 5 परिवारों के 8 सदस्य, भारत गेस्ट हाउस में 4 परिवारों के 20 सदस्य, संस्कृति महाविद्यालय में 25 परिवारों के 76 सदस्य, होटल औली डी में 1 परिवार के 5 सदस्य, अलकनंदा सदन जोशीमठ में 3 परिवारों के 10 सदस्य, गुंजन गेस्ट हाउस में 2 परिवारों के 7 सदस्य, बलराम गेस्ट हाउस में 11 परिवारों के 49 सदस्य, न्यू सिद्धार्थ होटल में 11 परिवारों के 21 सदस्य, जय मां सरस्वती में 6 परिवारों के 19 सदस्य, हिमालय होटल में 1 परिवार के 3 सदस्य, होटल साईधाम में 5 परिवारों के 12 सदस्य, होटल माणिक पैलेश में 9 परिवारों के 29 सदस्य, होटल ब्रहमकमल में 3 परिवारों के 11सदस्य, होटल महिम रेजीडेंसी में 4 परिवारों के 16 सदस्य, चरक गेस्ट हाउस में 2 परिवारों के 6 सदस्यों को ठहराया गया है।
होटल शिवा पैलेस में 2 परिवारों के 11 सदस्य, होटल शिवलोक में 2 परिवारों के 6 सदस्य, होटल त्रिशूल में 5 परिवारों के 20 सदस्य, अनमोल होम स्टे में 4 परिवारों के 18 सदस्य, एनके होमस्टे में 3 परिवारों के 12 सदस्य, मंदिर समिति गेस्ट हाउस में 1 परिवार का 1 सदस्य, होटल धनेश में 8 परिवारों के 34 सदस्यों को ठहराया गया है। इसके अतिरिक्त 31 परिवारों के 58 सदस्य अपने रिश्तेदारों के यहां और किराए पर रह रहे हैं।
सरकारी कार्यप्रणाली को बनाया जाए भ्रष्टाचार मुक्त : धामी
वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी कार्यप्रणाली के साथ ही विभिन्न स्तर पर होने वाले भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि के मूल मंत्र के साथ जन समस्याओं का निराकरण करना होगा।
यह मंत्र कार्य व्यवहार का हिस्सा बना तो भ्रष्टाचार पर नियंत्रण की राह स्वयं प्रशस्त हो जाएगी। उधर, मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद मुख्य सचिव ने शासकीय कार्यप्रणाली को पूर्णत: भ्रष्टाचार मुक्त करने के संबंध में सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों व सचिवों, मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को आदेश जारी किए।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए टोल फ्री नंबर-1064 को आम जनता के हित में और अधिक उपयोगी बनाया जाए। उन्होंने भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने में जनप्रतिनिधियों, प्रबुद्धजनों एवं आम नागरिकों को भी सहयोगी बनाने पर बल दिया।
उन्होंने भ्रष्टाचार रोकने तथा घूसखोरी जैसे कृत्यों की रोकथाम में राज्य अभिसूचना इकाइयों के प्रयासों को सराहा। साथ ही कहा कि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल की शिकायतों की जांच में भी अभिसूचना इकाई ने प्रभावी प्रयास किए।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग एवं लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में नकल की शिकायतों की त्वरित जांच कर 55 लोगों को जेल में भेजा जा चुका है। इसके अतिरिक्त 14 कार्मिकों को कदाचार के मामले में रंगे हाथों पकड़कर गिरफ्तार किया गया। जबकि आय से अधिक मामलों तथा निर्माण कार्यों में बरती गई अनियमितता की भी तत्परता से जांच कर दोषियों को सजा दिलाई गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति अपनाकर नकल माफिया के विरुद्ध कठोर कार्यवाही का निर्णय लिया है। कैबिनेट प्रदेश में भर्तियों में भ्रष्टाचार रोकने को सख्त नकल विरोधी कानून बनाने का निर्णय ले चुकी है।
इस कानून को इतना सख्त बनाया जाएगा कि भविष्य में कोई इस बारे में सोच भी नहीं सके। सख्त नकल विरोधी कानून में दोषी को उम्र कैद की सजा का प्रविधान तो होगा ही, उसके द्वारा अर्जित संपत्ति को जब्त करने की व्यवस्था भी रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के युवाओं का हक मारने वाले किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि भविष्य की सभी भर्ती परीक्षाएं स्वच्छ और पारदर्शी हों। पेपर लीक होने से दिन-रात मेहनत करने वाले अभ्यर्थियों के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
इसे ध्यान में रखकर राज्य लोक सेवा आयोग और राज्य अधीनस्था सेवा चयन आयोग में अभिसूचना इकाइयों को सक्रिय किया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने सरकारी कार्यप्रणाली को भ्रष्टाचारमुक्त करने और ऐसे में मामलों में प्रभावी करने के आदेश जारी किए हैं।