हिमाचल की हार से उत्तराखंड भाजपा ले रही सबक, डाटा प्रबंधन और आईटी तकनीक से लगाएगी हर घर में सेंध

हिमाचल विधानसभा चुनाव में सिर्फ 0.9 फीसदी वोट के अंतर से सत्ता गंवानी पड़ गई। पड़ोसी राज्य में हुई इस पराजय से उत्तराखंड भाजपा शायद सबक ले रही है। यही कारण है कि आगामी लोक सभा और विधानसभा चुनाव से पूर्व प्रदेश के एक-एक वोट तक पहुंच बनाने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है।

सांगठनिक नेटवर्क के डाटा प्रबंधन से लेकर सूचना प्रौद्योगिकी के सटीक इस्तेमाल के जरिये भाजपा अब डोर टू डोर नहीं बल्कि घर-घर सेंध लगाने की फिराक में है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से रणनीति के सूत्र लेकर लौटे प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र और प्रदेश महामंत्री अजेय कुमार अपने-अपने मोर्चों पर जुट गए हैं।

दो दिन पूर्व पार्टी कार्यालय में प्रदेश महामंत्री संगठन ने डाटा प्रबंधन से जुड़ी टीम को नए मंत्र दिए। इन मंत्रों के जरिये वे शक्ति केंद्र, बूथ और उससे भी नीचे घर-घर के एक सदस्य को न सिर्फ संगठन से जोड़ेंगे बल्कि एक मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से उनके बारे में पूरा ब्योरा भी दर्ज होगा।

घर-घर भाजपा पार्टी का अब नया नारा:भट्ट

यही एप्लीकेशन उन्हें केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों, फैसलों और सांगठनिक कार्यक्रमों की ताजातरीन सूचनाएं उपलब्ध कराएगा। साथ ही संगठन से जुड़े पदाधिकारियों के कामकाज की भी ऑनलाइन समीक्षा होगी कि वे धरातल पर कितने सक्रिय हैं।

पार्टी ने इसकी पूरी रणनीति बना ली है। इस बारे में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट कहते हैं, घर-घर भाजपा पार्टी का अब नया नारा है। इसे चरितार्थ करने के लिए पार्टी ने प्रदेश के प्रत्येक परिवार तक अपनी पहुंच बनाने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। पहली बार पन्ना टोली बनाई जा रही है। उद्देश्य यही है कि हर का एक सदस्य भाजपा की इस टोली का सदस्य बने।

भाजपा समझ गई एक प्रतिशत वोट अहमियत
हिमाचल विधानसभा चुनाव में मिली हार से भाजपा एक प्रतिशत वोट की भी अहमियत समझ गई है। सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिमाचल चुनाव की पराजय से सबक और गुजरात चुनाव की शानदार जीत का मॉडल पर खास चर्चा हुई। सभी राज्यों को इनसे सीख लेने की सलाह दी गई।
हिमाचल और उत्तराखंड में आंकड़ों का गणित

हिमाचल                         उत्तराखंड

दल                       सीटें वोट प्रतिशत सीटें             वोट
भाजपा     25             43%             47             44.3%

कांग्रेस 40             43.9%            19             37.91%

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