सरकार का दावा है कि जोशीमठ स्थिर होने की ओर है और अब दरारों के बढ़ने की संभावना बहुत कम है। हालांकि यह भी जोड़ा कि अंतिम रूप से इस बारे में तकनीकी संस्थाओं की रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जाएगा।
…इसका मतलब यह नहीं कि जोशीमठ नीचे चला जाएगा
डॉ. सिन्हा ने कहा कि जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या वर्ष 1976 से चल रही है। जो अब बढ़ गई है। इसका मतलब यह नहीं कि जोशीमठ नीचे चला जाएगा। वहां जो तेज ढलानें हैं, उनमें बने भवनों और जमीन पर अधिक दरारें हैं, जबकि समतल जमीन पर हल्की दरारें हैं, उनका इलाज करना पड़ेगा।
143 गांवों में है इस तरह की समस्या
डॉ. सिन्हा ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के तमाम गांवों में इस तरह की समस्या है। अब तक ऐसे 143 गांव चिह्नित किए गए हैं, जहां भू-धंसाव और भूस्खलन के कारण भवनों और जमीन को क्षति पहुंची है।
जोशीमठ के ऊपरी क्षेत्र में सूखा, निचले इलाके में है नमी
डॉ. सिन्हा ने कहा कि जोशीमठ में सर्वे के दौरान पाया गया कि ऊपर क्षेत्र की दरारें भीतर तक सूखी (ड्राई)हैं, जबकि निचले क्षेत्र की दरारों में नमी हैं। जबकि भूभाग भीतर से रेतीला है, इसका मतलब ऊपरी क्षेत्र का पानी तेजी से नीचे की ओर आ रहा है।
863 भवनों में आई दरारें
2500 भवनों में रहने वाले 4000 लोग प्रभावित
सर्वे में पाया गया कि भू-धंसाव वाले क्षेत्र में 2500 मकान हैं, जिनमें रहने वाले 4000 लोग प्रभावित हैं। वहीं, दरारों वाले 30 फीसदी भवन तुरंत ध्वस्त करने की सिफारिश की गई है। जबकि बाकी भवनों की रेट्रोफिटिंग की संभावना तलाशने का भी सुझाव दिया है।
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2. 95 प्रभावित किरायेदारों को 47.50 लाख की धनराशि राहत के रूप में वितरित की गई है।
3. जोशीमठ में उद्यान विभाग की भूमि पर मॉडल प्री फैब्रिकेटेड शेल्टर निर्माणाधीन, शीघ्र निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद।
4. ढाक गांव, चमोली में प्री फैब्रीकेटेड ट्रांजिशन सेंटर के लिए भूमि का समतलीकरण कार्य सुचारू।
5. सर्वेक्षण में दरारों वाले भवनों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है।
6. पानी का डिस्चार्ज घटकर 171 एलपीएम पर पहुंचा।
7. अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में 2957 और पीपलकोटी में 2205 लोगों को ठहराने की व्यवस्था की गई है।
8. अभी तक 863 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई हैं।
9. कुल 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है।
10. कुल 250 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किए गए हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 902 है।
11. 39 प्रभावित परिवार रिश्तेदारों या किराए के घरों में चले गए हैं।
(डेली ब्रीफिंग में सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार)