भारतीय नौसेना के कमांडर निशांत सिंह को मरणोपरांत नौसेना पदक मिलने की घोषणा से उनकी मां की आंखें एक बार फिर नम हो गईं। भावुक होकर बोलीं, बेटे को खोने का गम तो कभी दूर नहीं हो सकता लेकिन उसकी बहादुरी और शहादत मुझे गर्व का अहसास कराती है। कहती हैं, बेटे की तस्वीर एक पल भी आंखों के सामने से ओझल नहीं होती।
शहीद कमांडर निशांत सिंह की मां प्रोमिला चौधरी देहरादून के सहस्रधारा रोड पर रहती हैं। अपने बेटे की बहादुरी के किस्से सुनाकर वह गौरवान्वित हो उठती हैं। अमर उजाला से बातचीत में बताया कि उनके इकलौते बेटे कमांडर निशांत सिंह भारतीय नौसेना में मिग-29 के पायलट थे। उनके पास कई घंटों की उड़ान का अनुभव था।
वह नौसेना के युवा पायलट को ट्रेनिंग भी देते थे। 26 नवंबर 2020 को वह अपने को पायलट के साथ सार्टी के लिए निकले थे। तभी अरब सागर में उनका प्लेन क्रैश हो गया। हादसे में कमांडर निशांत सिंह शहीद हो गए। करीब 11 दिनों की तलाश के बाद कमांडर निशांत का शव अरब सागर में मिला। 12 दिसंबर को उनका अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ किया गया था। अब 25 जनवरी को उन्हें मरणोपरांत नौसेना मेडल से सम्मानित करने का एलान किया गया है।
मंजूर हुई थी छुट्टी, मां से मिलने आने वाले थे निशांत