केंद्रीय करों में बढ़ा उत्तराखंड का हिस्सा, सालाना राजस्व में होगा इतने हजार करोड़ का इजाफा

केंद्र सरकार ने केंद्रीय करों में राज्य का हिस्सा बढ़ा दिया है। इससे उत्तराखंड के राजस्व में सालाना ढाई हजार करोड़ तक का इजाफा होगा। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने राज्यों को पचास साल तक के लिए मिलने वाले ब्याज मुक्त कर की अवधि एक साल बढ़ा दी है।

बजट में किए गए इस ऐलान से राज्य को पांच हजार करोड़ के करीब अतिरिक्त बजट जरूरी खर्चों के लिए मिल जाएगा। उत्तराखंड को केंद्रीय करों में अंश के रूप में अभी तक सालाना करीब नौ हजार करोड़ रुपये मिलते हैं। लेकिन अब केंद्रीय करों में राज्य का हिस्सा बढ़ा है। केंद्रीय करों में राज्य के हिस्से में की गई बढ़ोतरी के बाद अब राज्य को सालाना करीब 11,500 करोड़ रुपये राजस्व मिलेगा।

जीएसटी क्षतिपूर्ति की भरपाई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान ऐलान किया कि राज्यों को कोविड काल के दौरान पचास सालों के लिए दिया गया ब्याज मुक्त ऋण अब एक साल और मिलेगा। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि इससे राज्य अब बैंकों से अपनी एसजीडीपी का दो प्रतिशत तक अतिरिक्त लोन ले पाएगा। राज्य की एसजीडीपी इस समय तीन लाख करोड़ के करीब की है। ऐसे में राज्य को पांच हजार करोड़ के अतिरिक्त ब्याज मुक्त लोन की सुविधा मिल जाएगी। केंद्र सरकार ने राज्य को मिलने वाली जीएसटी क्षतिपूर्ति जून 2022 में बंद कर दी थी। इससे राज्य को सालाना पांच हजार करोड़ के करीब का नुकसान हुआ था। लेकिन अब ब्याज मुक्त लोन की सुविधा से राज्य को यह राशि जुटाने की सुविधा मिल गई है।

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