जो प्रतिष्ठान सीधे ग्राहकों के साथ कारोबार (बिजनेस टू कंज्यूमर) कारोबार करते हैं, उनमें बड़े स्तर पर कर चोरी देखने को मिल रही है। खासकर ब्यूटीपार्लर जैसे प्रतिष्ठान, जहां अधिकांश कारोबार नकद में होने और बिल प्राप्त करने का चलन न होने के चलते, हालात अधिक पेचीदा हैं।
पहली बार स्टेट जीएसटी की टीम ने ब्यूटीपार्लर को रडार पर लिया तो पता चला कि कर चोरी धड़ल्ले से की जा रही है। स्टेट जीएसटी की टीम ने दून की एक ब्यूटीपार्लर चेन पर छापा मारा तो सरसरे तौर पर ही लाखों रुपये की कर चोरी निकल आई। बताया जा रहा है कि गहन जांच में कर चोरी का आंकड़ा करोड़ों रुपये में जा सकता है।