राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अफसरों को पढ़ाया सुशासन का पाठ, संवेदनशील रहने का दिया मंत्र

उत्तराखंड दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में 97वें कॉमन फाउंडेशन कोर्स के समापन समारोह में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके प्रशासनिक अधिकारियों को जनता के प्रति संवेदनशील रहने का मंत्र दिया। कहा कि सुशासन समय की मांग है। इसकी कमी कई सामाजिक और आर्थिक समस्याओं की जड़ है।राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें अकादमी में अधिकारियों के बीच आने से बहुत अच्छा लग रहा है। बोलीं कि मसूरी और अकादमी का नाम बहुत सुना था लेकिन कभी यहां आने का मौका नहीं मिला। उन्होंने कहा कि जब वह शब्द बोल रहीं हैं तो ऐसा लग रहा है कि मानों कानों में सरदार बल्लभ भाई पटेल के शब्द गूंज रहे हों। सरदार पटेल को लोक सेवकों से बड़ी अपेक्षाएं थीं और आज हम गर्व से कह सकते हैं कि अधिकारी उन अपेक्षाओं में खरे उतर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इस फाउंडेशन कोर्स का मूल मंत्र ही मैं नहीं हम है। उन्होंने सलाह दी कि समाज के वंचित वर्ग के प्रति संवेदनशील रहें। उनके दर्द को समझे और उसी के अनुसार कार्य करें। उन्होंने कहा कि गुमनामी, क्षमता और मितव्ययिता एक सिविल सेवक के आभूषण हैं। ये गुण उन्हें पूरी सेवा अवधि के दौरान आत्मविश्वास देंगे।

प्रशिक्षण के दौरान अधिकारी प्रशिक्षुओं ने जो मूल्य सीखे हैं उन्हें सैद्धांतिक दायरे तक सीमित नहीं रखना चाहिए। देश के लोगों के लिए काम करते हुए उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। उन परिस्थितियों में उन्हें इन मूल्यों का पालन करते हुए पूरे विश्वास के साथ कार्य करना होगा। इस अवसर पर राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह (सेनि.), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत अन्य मौजूद रहे।

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में शुक्रवार को 455 अधिकारियों ने प्रशिक्षण पूरा किया। अब वह जनता की सेवा में जुट गए हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सम्मानित भी किया।
कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने कहा कि अधिकारी अपने निर्धारित लक्ष्यों को हमेशा याद रखें और उन्हें प्राप्त करने में समर्पित रहें। कहा कि उनको ये जानकार बड़ी खुशी हुई कि प्रशिक्षु अधिकारियों के इस बैच में 133 बेटियां हैं। हमारे देश के सर्वांगीण विकास के लिए महिला और पुरुषों दोनों का योगदान महत्वपूर्ण है। उन्होंने महिला अधिकारियों से कहा कि अपने कार्यकाल में अन्य महिलाओं को भी आगे बढ़ने में मदद करें। इस दौरान उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले छह अधिकारियों को सम्मानित भी किया।
इन्हें मिला सम्मान
– राष्ट्रपति गोल्ड मेडल एवं प्रमाणपत्र- शन मुखा श्रीनिवास रेड्डी आईएएस
– डायरेक्टर गोल्ड मेडल और प्रमाणपत्र- तुषार आनंद आईएएस
– सांगे लहादेन शेंगा एस्प्रिट डी क्रॉप्स पुरुस्कार (प्रथम गोल्ड मेडल, प्रमाणपत्र और रनिंग ट्रॉफी)-ऋभष भोला आईपीएस
– लक्ष्मण सिंह कोठारी स्मृति पुरस्कार (रनिंग ट्रॉफी, प्रमाणपत्र और नकद सात हजार रुपये)-विशाल खत्री आईएएस
– सर्वश्रेष्ठ एथलीट महिला वर्ग- अंजली वर्मा आईपीओएस
– बेस्ट एथलीट पुरुष वर्ग- गौरव डोगरा आईपीएस
  • छात्रावास ब्लॉक, मैस और एरिना पोलो फील्ड का किया उद्घाटन
    अकादमी में राष्ट्रपति ने नए छात्रावास ब्लॉक, मैस और एरिना पोलो फील्ड का भी उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं का प्रशिक्षु अधिकारियों को काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि पर्वतमाला हिमालयन एंड नॉर्थ ईस्ट आउटडोर लर्निंग एरिना का निर्माण शुरू हो रहा है, जो हिमालय और भारत के उत्तर-पूर्व क्षेत्र के बारे में सिविल सेवकों और प्रशिक्षुओं के लिए एक ज्ञान आधार के रूप में कार्य करेगा।

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