जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कश्मीर में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। इसके साथ ही उन्होंने यहां के डीजीपी को बर्खास्त करने की मांग की। महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि डीजीपी जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं, मानों वह पाकिस्तानी हों। पूर्व सीएम ने कहा कि पाकिस्तान से लगातार घुसपैठ हो रही है। डीजीपी आखिर कर क्या रहे हैं। क्या यह मेरी और उमर अब्दुल्ला का काम है कि घुसपैठ रोकी जाए। आखिर बॉर्डर पर कौन है। महबूबा मुफ्ती ने आगे सवाल किया कि हालात पर काबू पाना किसकी जिम्मेदारी है?
मीडिया से बात करते महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा कि आखिर पुलिस का सैन्यीकरण क्यों किया गया? किसने कश्मीरियों के अंदर अपराध का बीज बोया? मुफ्ती ने आरोप लगाया कि लोगों को न तो अपने विचार जाहिर करने दिया जा रहा है और न ही प्रोटेस्ट करने दिया जा रहा है। अगर कोई ऐसा कर रहा है तो उनको जेल में डाल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आखिर डीजीपी ने क्या हासिल कर लिया? पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी कश्मीरियों, खासकर यहां के बहुसंख्यक समुदाय को अलग किया जा रहा है। डीजीपी उन लोगों के साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं, मानो वह कश्मीरी हों।
महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि वह लोगों ने बंदूक के दम पर बात कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर में आतंकी हमलों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा कहती है कि आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद यहां सब ठीक है। यहां ईडी, एसआईएस और एसआईयू के छापे पड़ रहे हैं। लोग न कुछ बोल सकते हैं, न कुछ दिखा सकते हैं। मुफ्ती ने आगे कहा कि सबकुछ उन लोगों के नियंत्रण में है। हुर्रियत के नेता या तो जेल में हैं या फिर मर खप गए। उत्तरी कश्मीर में, लोगों ने एक ऐसी आवाज का चुनाव करना पसंद किया जो आत्मनिर्णय और जनमत संग्रह के बारे में बोलती है।