नहीं बढ़ रही कोविड जांच, नए साल के जश्न में बढ़ सकती है चुनौती

कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार की ओर से अलर्ट के बाद भी प्रदेश में सैंपल टेस्ट में खास बढ़ोतरी नहीं हुई है। प्रदेश में प्रतिदिन संक्रमित मामले बेहद सीमित हैं, लेकिन नए साल के जश्न में चुनौती बढ़ सकती है।

नए साल के जश्न के लिए प्रदेश के पर्यटन स्थल में सैलानियों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई है। केंद्र सरकार की ओर से खासतौर पर नए साल पर पर्यटक स्थलों पर संक्रमण को लेकर एहतियात बरतने और कोरोना संदिग्ध मरीजों की सैंपल जांच बढ़ाने के दिशा निर्देश दिए गए। प्रदेश सरकार की ओर से कोविड की एसओपी जारी कर जिलों को सैंपल जांच और भीड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनने के लिए निर्देश दिए गए।

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 12 सरकारी पैथोलॉजी लैब की प्रतिदिन 15 हजार कोविड सैंपल जांच करने की क्षमता है। वर्तमान में प्रतिदिन औसतन एक हजार सैंपलों की जांच हो रही है। नए साल पर दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटकों की भीड़ से कोरोना संक्रमण की रोकथाम करने की एक चुनौती है। सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार का कहना है कि कोरोना संक्रमित मामले पर पूरी निगरानी रखी जा रही है। प्रदेश में अभी तक सीमित मामले ही सामने आ रहे हैं। जिलों को निर्देश दिए गए है कि अस्पतालों में उपचार के लिए आने वाले सर्दी, जुकाम, खांसी से ग्रसित मरीजों की कोविड जांच की जाए। केंद्र की गाइड लाइन के अनुसार अस्पतालों में संदिग्धों की कोविड जांच की जा रही है।

प्रदेश पांच नए संक्रमित मिले
बृहस्पतिवार को प्रदेश में 935 सैंपलों की जांच की गई है। इसमें देहरादून जिले में पांच संक्रमित मिले हैं। वर्तमान में कुल 26 सक्रिय मामले हैं। इसमें अधिकतर संक्रमित होम आईसोलेशन में उपचार ले रहे हैं।

चार दिनों में प्रदेश में कोविड जांच की स्थिति
दिन            सैंपल जांच
29 दिसंबर       900
28 दिसंबर       1304
27 दिसंबर       1518
26 दिसंबर        272

स्कूलों में मास्क अनिवार्य, केंद्र की गाइडलाइन के बाद एसओपी

प्रदेश में निजी और सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं और शिक्षक-कर्मचारियों के लिए मास्क की अनिवार्यता की गई है, लेकिन केंद्र के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद ही एसओपी जारी हो सकती है। संभवतया एक या दो जनवरी को इस संबंध में केंद्र सरकार की ओर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यों की बैठक बुलाई जा सकती है।

एक दिन पहले स्कूलों में मास्क की अनिवार्यता के संबंध में मुख्य शिक्षाधिकारी डॉ. मुकुल कुमार सती ने देहरादून जिले के सभी सरकारी, निजी और अशासकीय स्कूलों के प्रधानाचार्यों को आदेश जारी किया था। प्रधानाचार्यों को भेजे पत्र में मुख्य शिक्षाधिकारी ने कहा कि कोरोना से बचाव और रोकथाम के लिए स्कूलों में थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाए। साथ ही स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं। अमर उजाला से बातचीत में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि यह आदेश केवल देहरादून या सरकारी स्कूलों के लिए ही नहीं है।

कहा कि प्रदेशभर के सभी स्कूलों को हिदायत दी गई है कि वह स्टाफ और बच्चों के लिए मास्क अनिवार्य रूप से लागू करें। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक या दो जनवरी 2023 को केंद्र सरकार की ओर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग होनी है। जिस तरह के भी निर्देश मिलेंगे, उसी हिसाब से एसओपी जारी की जाएगी। फिलहाल देशभर में कहीं भी इस तरह की एसओपी जारी नहीं की गई है। हमने एहतियात के तौर पर मास्क इत्यादि के निर्देश जारी किए हैं।

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