राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंगलवार की सुबह उमस भरी रही। सुबह साढ़े आठ बजे आर्द्रता 80 प्रतिशत दर्ज की गई। सुबह से ही धूप और बादलों की लुकाछिपी जारी है। इस बीच, मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार को भी बादल छाए रहने और हल्की बारिश की संभावना जताई है। IMD के मुताबिक, दिल्ली में मंगलवार को अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 36 और 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। आईएमडी के सात दिवसीय पूर्वानुमान में दिल्ली के लिए कोई अलर्ट जारी नहीं किया है।
मौसम विभाग ने ताजा पूर्वानुमान में कहा है कि अगले पांच दिनों तक हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वी राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगिट बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। हालांकि, IMD के मुताबिक, दिल्ली में मंगलवार को हल्की बारिश हो सकती है। इस दौरान तापमान 39.44 डिग्री के आसपास रह सकता है।
मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली-एनसीआर के ऊपर पूरे हफ्ते बादलों का डेरा रह सकता है और धूप के साथ लुकाछिपी खेल सकता है लेकिन अच्छी बारिश के आसार कम हैं। आईएमडी ने कहा है कि बुधवार को हल्की, गुरुवार को मध्यम, शुक्रवार, शनिवार और रविवार को भी हल्की बारिश की ही संभावना है लेकिन अगले हफ्ते यानी सोमवार को मौसम करवट बदल सकता है और तेज बारिश हो सकती है। तब तापमान में धीरे-धीरे कमी आएगी और यह 32 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए केरल, विदर्भ, मराठवाड़ा, दक्षिणी छत्तीसगढ़, दक्षिणी मध्य प्रदेश, गुजरात, दक्षिणी मध्य प्रदेश, तेलंगाना के कुछ हिस्सों, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक और पूर्वोत्तर भारत में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना जताई है। इसके अलावा सिक्किम, पूर्वोत्तर भारत, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश का पूर्वानुमान जताया है।
IMD के मुताबिक, इस समय मॉनसून रेखा राजस्थान के जैसलमेर, कोटा, मध्य प्रदेश के गुना, मंडला, छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव और दक्षिण ओडिशा पर कम दबाव वाले क्षेत्र के केंद्र से होकर गुजर रही है और दक्षिण-पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी के मध्य तक पहुंच रही है। इसके अलावा दक्षिण ओडिशा और उसके आसपास के इलाकों में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इससे जुड़ा चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। इनके अलावा दक्षिणी पश्चिमी पाकिस्तान के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है, इसकी वजह से पश्चिमी तटीय राज्यों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।